lunedì 8 ottobre 2018

पीड़िता की सुरक्षा और इलाज की मांग पर SC आज करेगा सुनवाई

नई दिल्‍ली : हलाला और बहुविवाह मामले की याचिकाकर्ता रानी उर्फ शबनम पर बुलंदशहर में हुए एसिड अटैक मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब मांगा था. दरअसल, शबनम की ओर से दायर याचिका में सुरक्षा और दिल्ली के एम्‍स में इलाज कराने की मांग की गई है.
आपको बता दें कि शबनम पर यह एसिड अटैक उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सरे बाजार डिप्टी गंज पुलिस चौकी के पास दो बाइक सवारों ने किया था. घटना के बाद पीड़िता को बुलंदशहर में भर्ती किया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसके देवर ने ही दोस्तों के साथ मिलकर हमला किया था. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. शबनम को कट्टरपंथियों ने भी धमकी दे रखी थी.
गौरतलब है कि शबनम ने ट्रिपल तलाक, हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. साथ ही शबनम ने इसी साल अगस्त महीने में ही अपने पति के खिलाफ भी जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. पीड़ित शबनम रानी दिल्ली के ओखला की रहने वाली हैं. रानी का निकाह आठ साल पहले अगौता के जौलीगढ़ में मुजम्मिल से हुआ था.बनम के तीन बच्चे भी हैं. कुछ समय पहले पति ने उन्हें तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में तीन तलाक) दे दिया था. इस दौरान शबनम ने आरोप लगाया था कि उसका पति उस पर देवर के साथ हलाला करने के लिए दबाव बना रहा था. मगर शबनम ने हलाला मंजूर नहीं किया था.इसके बाद उस पर अत्याचार बढ़ गए थे. इन सबसे परेशान होकर शबनम ने हलाला और बहु विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की थी.
क्या है हलाला?
मुस्लिमों में हलाला या निकाह हलाला एक रस्म है. शरियत के मुताबिक, कोई तलाकशुदा महिला अपने पहले पति से तब तक दोबारा निकाह नहीं कर सकती जब तक कि वह किसी अन्य पुरुष से निकाह करके तलाक न ले ले. किसी अन्य पुरुष से निकाह कर उसके साथ तलाक लेने और फिर अपने पहले पति से निकाह करना ही हलाला प्रक्रिया कहलाता है. इस प्रथा के खिलाफ आज लगभग सभी मुस्लिम महिलाओं ने अपनी आवाज बुलंद की है.भारत ने गुरुवार को पहली बार सात रोहिंग्याओं को म्यांमार को सौंप दिया। वे छह साल से अवैध रूप से असम में रह रहे थे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें म्यांमार वापस भेजे जाने की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 

इन रोहिंग्याओं को मणिपुर के मोरेह सीमा चौकी पर म्यांमार के अधिकारियों को सौंपा। ये सातों 2012 से सिलचर के डिटेंशन सेंटर में रह रहे थे। इस प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अर्जी लगाई गई थी। भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या घुसपैठिए रह रहे हैं। हाल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से घुसपैठियों की पहचान करने को भी कहा है।
केरल में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या परिवार के 5 सदस्य : केरल पुलिस ने मंगलवर को विझिंजम में खुफिया जानकारी के बाद पांच सदस्यों वाले एक रोहिंग्या परिवार को हिरासत में लिया है। इनके पास यूएन के अफसर की ओर से हैदराबाद में जारी किया गया शरणार्थी कार्ड है। ये लोग हैदराबाद-त्रिवेंद्रम सबरी एक्सप्रेस से सोमवार रात तिरुवनंतपुरम पहुंचा था।

राजनाथ ने राज्यों से मांगी है अवैध शरणार्थियों की रिपोर्ट : बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर राज्य सरकारें रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। रोहिंग्या को वापस भेजने के लिए इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार म्यांमार से कूटनीतिक माध्यमों से बात करेगी। रोहिंग्या संकट से निपटने के लिए पहले ही राज्यों को उनकी पहचान और बायोमैट्रिक डाटा जुटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

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